Thursday, 25 July 2024

लेह-लद्दाख का टूर

मेरा नाम हिमांशु है। हाल ही में मैंने अपनी फैमिली के लिए #कैंप_अड्डा से टूर पैकेज बुक किया था। बहुत समय से फैमिली के साथ घूमने का प्लान बन रहा था, पर यह तय नहीं हो पा रहा था कि कहां जाएं।

#कैंप_अड्डा से हमने सिक्किम, दार्जिलिंग, गोवा, अंडमान, केरल और कई अन्य जगहों के पैकेज मंगाए। लेकिन आखिरकार हमने उनका लेह-लद्दाख का टूर पैकेज फाइनल किया, जिसमें गाजियाबाद से गाजियाबाद तक की सर्विस शामिल थी। 

हमने 14 सीटर लग्जरी टेंपो ट्रैवलर बुक किया, जो गाजियाबाद से मनाली, मनाली से लेह, लेह से कारगिल और फिर कारगिल से कश्मीर होते हुए गाजियाबाद वापस आने का टूर था।

हमारा टूर 24 जून 2024 की शाम 6:00 बजे गाजियाबाद से शुरू हुआ। हमारा ड्राइवर मिंटू जी समय पर हमारी लोकेशन पर आ गए थे। गाड़ी बहुत साफ-सुथरी और आरामदायक थी। AC, साउंड सिस्टम और टीवी सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था। शाम 6:00 बजे गाजियाबाद से निकलकर मिंटू जी ने हमें सुबह 6:00 बजे मनाली पहुंचा दिया, बिना किसी रैश ड्राइविंग के। हमने अपनी पहली रात Jispa में बिताई, जहां का होटल #कैंप_अड्डा ने बुक किया था, बहुत अच्छा था। 

अगले दिन सुबह हमें जल्दी निकलना था, और मिंटू जी ने हमें समय पर तैयार होने की सलाह दी। सुबह 6:00 बजे Jispa से निकलकर हम शाम 5:00 बजे लेह पहुंच गए। रास्ता बहुत खतरनाक था, लेकिन मिंटू जी ने हमें बहुत आराम से सफर कराया।

लेह में हमारी तीन रातों का स्टे था। अगले दिन हमारा Pangong Lake का टूर था और फिर नुब्रा वैली का। #कैंप_अड्डा की गाड़ी ने वहां लोकल टूर नहीं कराया क्योंकि कुछ यूनियन का रूल था, लेकिन उन्होंने लोकल टेंपो ट्रैवलर अरेंज किया, जिसका ड्राइवर भी बहुत अच्छा था। हमने Pangong Lake और Nubra Valley दोनों का सफर बहुत इंजॉय किया। 

चौथे दिन हमारा लेह से चेकआउट था। हमें कारगिल होते हुए श्रीनगर पहुंचना था। मिंटू जी ने हमें सुबह 8:00 बजे लेह से निकाला और रास्ते में संगम, पत्थर साहिब गुरुद्वारा और कारगिल मेमोरियल म्यूजियम दिखाया। रात को हम कारगिल पहुंचे, जहां का होटल बहुत अच्छा था।

अगले दिन हमें कारगिल से श्रीनगर के लिए निकलना था, लेकिन रास्ते में एक बैरियर लगा हुआ मिला जो अगले दिन सुबह ही खुलना था। हालांकि #कैंप_अड्डा को भी इसकी जानकारी नहीं थी। आर्मी के जवानों ने हमारी मदद की और हम समय पर श्रीनगर पहुंच गए, जहां हमारी नाइट डल लेक की हाउसबोट में थी। हाउसबोट बहुत अच्छी थी और हमारे 14 जनों की फैमिली के लिए पर्याप्त थी। 

अगले दिन हमने डल लेक में शिकारा राइड की और समय की पाबंदी को ध्यान में रखते हुए शाम 4:00 बजे श्रीनगर से निकल पड़े। मिंटू जी ने हमें अगले दिन शाम 4:00 बजे तक गाजियाबाद पहुंचा दिया।

मैं #कैंप_अड्डा की टीम और उनके ड्राइवर मिंटू जी का धन्यवाद करना चाहूंगा, जिन्होंने इस यात्रा को मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत यादगार बनाया। हमने इसमें बहुत सारी यादें बनाई। उनका तहे दिल से धन्यवाद।


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